Shadi Todne Ka Wazifa,Dua,Amal In 24 Hours – शादी तोड़ने का वज़ीफ़ा, दुआ, अमल 24 घंटे में
Boyfriend Ki Shadi Todne Ka Wazifa:- Boyfriend sweetheart ka rishta aage jakar shadi mein badal jata hai. Lekin agar aapke boyfriend aapko beech maj-dhaar mein hello there chor kar chale jaye aur kisi aur se shadi karne lage toh aap kya karenge. Mohabbat yakeen aur bharose pe tiki hoti hai aur ek ladki ko poora bharosa hota hai ki uska boyfriend usse aage jakar shadi karega aur usko apni biwi banayega (शदी तोड़े का वज़ीफ़ा). Lekin agar aapke boyfriend kisi bhi wajah se aapse shadi na karke kisi aur se shadi karte hai toh rohani takato ne aapko poori ijazat di hai ki aap boyfriend ki shadi todne ka wazifa( Shadi Todne Ka Wazifa ) parhe. Ye wazifa aapke boyfriend ki shadi jaha bhi ho rahi hai usko tod dega aur wo aapke paas laut ayenge.
शादी तुड़वाने की दुआ
मोहब्बत एक बेहद पाक रिश्ता है। जब तक यह मुकाम तक नहीं पहुंच पाए तबतक दिल की धड़कन बढ़ी रहती है। सच्ची मोहब्बत का सही मुकाम निकाह है। इसके लिए अपने महबूब या महबूबा से नेक मोहब्बत करने वाले को निकाह बनाने की कोशिशों के
अतिरिक्त इसमें आने वाली आनेकों बाधाओं को भी दूर करना होता है।
इसमें एक बाधा महबूब या महबूबा की किसी दूसरे के साथ निकाह होने की भी आती है,
जिसे तोड़ने के लिए दुआ किया जाना चाहिए। इसे प्रेमी या प्रेमिका द्वारा अपनी सहुलियत के अनुसार बताए गए इस्लामी दुआ
या वजीफा को नियम से पढ़ना चाहिए।
साथ ही इसके पीछे की नीयत साफ रखनी चाहिए। किसी के प्रति गलत धारणा रखकर शादी नहीं तुड़वाना चाहिए। इस्लामी दुआ को सिलसिलेवार ढंग से इस प्रकार पढ़ा जाना चाहिए।
इस दुआ को शनिवार या मंगलवार को छोड़कर किसी भी दिन किया जा सकता है। वैसे इसके लिए शुक्रवार का दिन सबसे उपयुक्त माना गया है। समय रात के 11 बाजे के बाद का होना चाहिए।
इस दुआ को लगातार 21 दिनों तक पढ़ना है। सभी दिन एक ही स्थान पर पढ़़ा जाना चाहिए। सिर्फ एक हिदयात के तौर पर इसे माहवारी के बाद शुरू किया जाना चाहिए।
असर की नमाज के बाद या अल्लाह या रहमान या रहीम का उच्चारण करें।
उसके बाद नमाज–ए–इशा या नमाज–ए–फजर पढ़ें। इसके पढ़ने के बाद सुराह मुजांम्मिल पढ़ना है।
फिर दुरूद शरीफ 100 मर्तबा पढ़नी है। उसके बाद मौलवी द्वारा बताए गए दुआ को 1000 बार पढ़ें।
अंत में पूरी नेक नीयत के साथ अल्लाह ताला से दुआ करें। इस लिए यह दुआ सिर्फ जायज मकसद के लिए ही किया जाना चाहिए किसी को धोखा देने या बदले की भावना से इसे नहीं किया जाना चाहिए।